बजे ना खाली बाजा कोई है बजाने वाला .... (४)
बने ना खाली दुनिया कोई है बनाने वाला .... (४)
विश्वम्भर की ज्ञान शक्ति से फुलोमे खशबू … (२)
विश्वम्भर की इच्छा शक्ति से धरती अंबर धुर … (२)
विश्वम्भरकी शक्ति सारी उर्जाका है मूल … (२)
सजेना खाली थाली कोई है सजाने वाला …(२)
इंद्रधनुषके सात रंगमे है उसका ही रूप … (२)
चाँद और सूरज, बादल बिजली आगन्या में है जरूर …(२)
नींद में सपने वोही बुनता वोही करता चूर.… (२)
रिश्ते नाते वोही बनाता, वोही करता दूर … (२)
बजेना खाली ताली कोई है बजाने वाला .... (२)
Check this out on Chirbit
No comments:
Post a Comment