Monday, October 24, 2016

એક ફરિસ્તા (વિડીયો)


ऐक फरिश्ता आया था, और दिलमे समा के चला गया ....     (२)
वो खुदा की शान हस्ती, जाते जाते दिखा गया ...............      (२)
दिखा गया दिखा गया, शान हस्ती दिखा गया ..............      (२)
हम बन्दों को जिनेका पन, बंदा परवर  शीखा गया............ . (२)
ना हिन्दूका, ना मुस्लिमका, ना वो शिख ईसाई का,........ .    (२)
हर इन्सान है उसको बराबर मददगार हर भाई का .........      (२)
राम रहीम का फर्क आदमी बस यहां पर करता है,
राम रहीम को जिसने समज़ा वोही आदमी सच्चा है। 
सच्चा है,  वोही सच्चा है ..................      (२)
पढ़ा गया पढ़ा गया, सबक प्यार का पढ़ा गया  .................. (२)
मेरे खाबो के आंगन में गुल ही गुल वो खिला गया, 
खिला गया खिला गया गुल ही गुल वो खिला गया ...............(२)
वो गरीबो का मशीहा, उसकी चर्चा गली गली ...............(२)
वो जिसके हो, जाये  रूबरू, पलमे  खिला दे दिल की कली .....(२)
जिस के पाँवके नूर के आगे माहताब भी बुजा बुजा...........(२)
वो सबका है सब है उसके, नजरोमे उसकी दुआ दुआ  ......(२)
मिटा गया मिटा गया, रन्ज और गमको मिटा गया,
अपने पाँवकी धूल से बिगड़ा, नशीब मेरा बना गया ......(२)  

 


 









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